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इस लेख के मूल अंग्रेजी संस्करण को लिखने के लिए मैं डॉ. मधु लता पांडे को धन्यवाद व्यक्त करता हूं
जब बच्चे कठोर मल करते है जिसे बाहर निकालने में कठिनाई होती है या नियमित रूप से शौचालय नहीं होती है, उसे कब्ज कहा जाता है। सामान्य रूप में बच्चों में मल की कठोरता और आवृत्ति में बहुत अंतर होती है।
स्तनपान करने वाले शिशुओं में प्रत्येक फ़ीड के बाद मल हो सकती है, या प्रत्येक सप्ताह केवल एक बार मल आ सकता है। फॉर्मूला (पाउडर दूध) पीने वाले शिशुओं और बड़े बच्चों में आमतौर पर हर दो या तीन दिनों में मल होती है। शिशुओं की पेट की मांसपेशियां कमजोर होती हैं। पीठ के बल लेटने से भी उनको मल करने में और मुश्किल होती है। समान्य रूप में उन्हे मल करते समय बड़े बच्चों से अधिक जोर लगाना पड़ता है। ज़ोर लगाने से कभी-कभी उनके चेहरे लाल भी हो सकता हैं या वे रो भी सकतें हैं।
बच्चों में कब्ज का कारण क्या है?
ज्यादातर मामलों में, कोई गंभीर कारण नहीं पाया जाता है। कुछ संभावित कारणों में शामिल हैं:
- प्राकृतिक प्रवृत्ति– कुछ बच्चों में आंत की मंद गति होती है, जो कब्ज का कारण बनती है।
- मल करने की आदतें – जैसे शरीर मैं मल की प्रेशर को अनदेखा करना। बच्चे खेलने में व्यस्त रहते हैं और शौचालय जाने से कतराते हैं। मल फिर कठोर और बड़ा बन जाता है। दिन में तीन बार नियमित रूप में टॉयलेट का समय रखना चाहिए ताकि निर्धारित रूप में पेट साफ रह सके।
- मल को रोके रखने की आदत– मल करने के दर्दनाक या भयावह अनुभव के बाद जैसे कड़ा मल या फिर गुदा में दर्दनाक स्थिति होने पर बच्चे मल को पेट में रोके रखने की आदत डाल सकते हैं। मल को पेट में रोकने से वह और सख्त हो जाता है जिससे अगली बार शौचालय करना और भी दर्दनाक होता है।
- शौचालय के माहौल में बदलाव– नए स्कूल या फिर मल की प्रेशर बड़ने पर रोके रखने का आदेश।
- आहार- प्रसंस्कृत खाद्य प्रदार्थ या खाने में फल और सब्जियों में कमी। पढ़े “6 महीने के बाद पूरक भोजन-5 नवीनतम साक्ष्य आधारित सिद्धांत”
- रोग – बहुत कम बच्चों में रोग से कब्ज होती है। इनमें हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड हार्मोन का निम्न स्तर) एक आम कारण है।
- अक्सर, परिवारों में कब्ज चलता है। लंबे समय तक कब्ज से पीड़ित बच्चों में अक्सर परिवार के अन्य सदस्ययों में भी कब्ज होता है।
कब्ज का घरेलू उपचार
1. आहार परिवर्तन
निम्नलिखित कब्ज से पीड़ित चार महीने से अधिक उम्र के शिशुओं के लिए हैं
- फलों का रस– यदि आपका शिशु कम से कम चार महीने का है, तो आप कब्ज के इलाज के लिए कुछ खास फलों का रस दे सकते हैं। इसमें प्रून, सेब या नाशपाती का रस (अन्य रस उतने सहायक नहीं हैं) शामिल हैं। अगर आप हर दिन रस दे रहे हैं तो दो सप्ताह से अधिक न दें। बहुत अधिक रस देना बच्चों के समग्र आहार और विकास के लिए अस्वास्थ्य हो सकता है।
- उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ- यदि शिशु ने ठोस खाद्य प्रदार्थ खाना शुरू कर दिया है, तो आप चावल के जगह जौ दे सकते हैं। आप खुबानी, शकरकंद, नाशपाती, आड़ू, आलूबुखारा, सेम, मटर, ब्रोकोली, सन का बीज या पालक सहित अन्य उच्च फाइबर फलों और सब्जियों (या प्यूरी) की दे सकते हैं। आप फलों के रस (सेब, नाशपाती) को अनाज या फल / सब्जी प्यूरी के साथ मिला सकते हैं। दूसरी ओर, केला कब्ज को बढ़ा सकता है। हरे केले का उपयोग लंबे समय से चलने वाला दस्त के उपचार में किया जाता है।
- जब आयरन की औषधी चल रही हो – आयरन की औषधी कभी-कभी कब्ज का कारण बन सकती हैं। इसलिए, बच्चे जो आयरन पर हैं, उन्हें कभी-कभी अतिरिक्त आहार परिवर्तन या उपचार की आवश्यकता होती है ताकि उन्हें कब्ज न हो। परन्तु, पत्तेदार सब्जियां और पत्ता गोभी आयरन के अवशोषण में हस्तक्षेप करती हैं। शाम को फल और सब्जियां और सुबह के भोजन के बाद आयरन देने से इस समस्या से निपटा जा सकता है।
बड़े बच्चे
यदि आपके बच्चे को थोड़े समय के लिए कब्ज़ हो गया है, तो केवल आहार परिवर्तन पर्याप्त है। इन परिवर्तनों को जितनी बार जरूरी हो आप उतनी बार कर सकते हैं, ताकि बच्चा नरम और दर्द रहित मल पास करता रहे।
आप क्या कर सकते हैं?
क्योंकि प्रत्येक बच्चे के आंत्र पैटर्न अलग होते हैं, इसलिए आप अपने बच्चे के सामान्य आंत्र पैटर्न से परिचित हो जाएं। मल की सामान्य आकार और उसके कठोरता पर ध्यान दें। इससे आपको और आपके बच्चे के डॉक्टर को यह निर्धारित करने में मदद करेगा कि कब कब्ज होता है और सबसे अच्छा इलाज क्या है। यदि आपका बच्चे को हर कुछ दिनों में कब्ज होता है या वह मल ही नहीं करता है, तो उसे उचित सौचालय आदतों को विकसित करने में मदद की आवश्यकता हो सकती है।
सौचालय की उचित आदत की विकास के लिए आप क्या कर सकते हैं?
- अपने बच्चे को भरपूर पानी पीने और उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाने के लिए प्रोत्साहित करें।
- अपने बच्चे को नियमित रूप से शौचालय की आदत स्थापित करने में मदद करें।
- अपने बच्चे को शारीरिक रूप से सक्रिय होने के लिए प्रोत्साहित करें। मोबाइल या टीवी देखने के बजाय घर से बाहर निकल कर खेलना कूदना बच्चों के लिए अनुकूल व्यायाम है। संतुलित आहार के साथ व्यायाम एक स्वस्थ, सक्रिय जीवन की नींव प्रदान करता है।
2. शौचालय प्रशिक्षण के लिए युक्तियाँ
- यदि आपका बच्चा शौचालय का उपयोग करना सीखते समय कब्ज विकसित करता है, तो अस्थायी रूप से शौचालय प्रशिक्षण बंद कर दें। शौचालय प्रशिक्षण को फिर से शुरू करने से पहले दो से तीन महीने इंतजार करना उचित है। जब प्रसिक्षण फिर से शुरू हो, बच्चे को प्रेशर होते ही शौचालय पर बैठने के लिए प्रोत्साहित करें। कोशिश के लिए सकारात्मक सुदृढीकरण दें (एक आलिंगन, चुंबन, या प्रोत्साहन के शब्द) बच्चा मल त्याग करने सफल हो या नहीं। बच्चे को कभी दंड या दबाव न दें।
- स्वस्थ शौचालय की आदतों को प्रोत्साहित करने का उपाय- यदि आपका बच्चा शौचालय प्रशिक्षित है, तो उसे खाने के बाद दिन में एक या दो बार लगभग 10 मिनट तक शौचालय पर बैठने के लिए प्रोत्साहित करें।एक स्टूल का सहारा लें जो इतना ऊँचा होना चाहिए कि बच्चे के घुटने उसके कूल्हों से थोड़ा ऊपर हो।
- सौचालय में अपने बच्चे को कंपनी दें। कंपनी देते समय आप उनके लिए पढ़ भी सकतें हैं। इससे उनकी रुचि बनाए रखने और सहयोग को में मदद मिलता है।
कब कब्ज चिंताजनक है?
- कब्ज के साथ बुखार
- उल्टी
- खाना न खा पाना
- वजन न बढ़ना या घटना।
- पेट फूलना
- गुदा में दरार (फिसर)
- मल में खून
यदि आपके बच्चे को कब्ज के साथ उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी है, तो उसे बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा जांच करवाएं।
लेखिका के बारे में
Dr. Madhu Lata Pandey
MBBS (Kerala) DCH(Kolkata) DNB(Peds)
Observership in Peds Gastroenterology and Nutrition (SGPGI Lucknow)
Consultant Pediatrician and Neonatologist
Email:drmadhulatasharma@gmail.com